"ज़िन्दगी के शोर, राजनीती की आपाधापी
रिश्ते नाते की गलियों और क्या खोया क्या पाया के बाजारों के आगे
सोच के रस्ते पर कही एक ऐसा नुक्कड़ आता है
जहा पहुच कर इंसान एकाकी हो जाता है
तब जाग उठता है कवी
फिर शब्दओ के रंगों से जीवन की अनोखी तस्वीरे बनती है
कवितायेँ और गीत सपनो की तरह आते है
और कागज़ पर हमेशा के लिए अपने घर बना लेते है
तब सुनने वाले और सुनाने वाले में तुम और मैं की दीवारें टूट जाती
दुनियां की साड़ी धडकनें सिमट कर एक दिल में आ जाती है
और कवी के शब्द दुनिया के हर संवेदनशील के शब्द बन जाते है"
रिश्ते नाते की गलियों और क्या खोया क्या पाया के बाजारों के आगे
सोच के रस्ते पर कही एक ऐसा नुक्कड़ आता है
जहा पहुच कर इंसान एकाकी हो जाता है
तब जाग उठता है कवी
फिर शब्दओ के रंगों से जीवन की अनोखी तस्वीरे बनती है
कवितायेँ और गीत सपनो की तरह आते है
और कागज़ पर हमेशा के लिए अपने घर बना लेते है
तब सुनने वाले और सुनाने वाले में तुम और मैं की दीवारें टूट जाती
दुनियां की साड़ी धडकनें सिमट कर एक दिल में आ जाती है
और कवी के शब्द दुनिया के हर संवेदनशील के शब्द बन जाते है"
3 comments:
What is this script? Thai? Khmer?
Its Devanagari script. and the language is Hindi
wow it's a very great poem...
Thnaks for sharing....
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